Thomas Stephen Monaghan Founder Of Dominos Pizza की सफलता की कहानी
आज हम एक ऐसे व्यक्ति की success story का discussion करेंगे जिसका नाम पुरे वर्ल्ड में फेमस है। आज हम Domino’s Pizza Founder थॉमस स्टीफेन ‘टॉम’ की success story के बारे में बताएंगे। ये एक से व्यक्ति है जिन्होंने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करके अपनी मेहनत, इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता से आज Domino’s Pizza को इस बुलंदी तक पहुँचाया है।
Thomas Stephen का जन्म अमरीका के मिशिगन राज्य के एन आर्बर शहर में 25 मार्च 1937 को एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके परिवार में माता-पिता और एक छोटे भाई थे। पिताजी एक मामूली से ट्रक ड्राईवर थे और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्ही के कंधो पर थी। परिवार का खर्चा जैसे-तैसे चल ही रही थी कि अचानक एक दिन christmas की evening पर उनके पिताजी का देहांत हो गया तब उनकी उम्र मात्र 4 वर्ष की थी।
अब उनकी घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही थी तो ऐसे में उनकी माताजी को घर की आर्थिक स्थिति के कारण Thomas Stephen और उनके भाई को मिशिगन स्थित “सेंट जोसफ होम” में छोड़कर 6 वर्षो के लिए नर्सिंग कोर्स करने चली गई। इन 6 वर्षो में Thomas Stephen Monaghan को sis. मैरी बेरारडा की संगत में आस्था और चर्च के प्रति प्रेम जागृत हो चुका था। इसके 6 वर्षो बाद उनकी माँ दोनों भाइयो को अपने साथ ट्रांसवर्स सिटी ले गई जहाँ वो अब अपना नर्सिंग कोर्स पूरा करके एक अस्पताल में नर्स के रूप में कार्य कर रही थी।
Stephen की अपनी माँ से कभी नही बनी थी और उनके माँ के साथ रिश्ते हमेशा ही खराब रहे। जबकि उन्होंने भी घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सब्जियाँ उगाकर बेचीं, मछली पकड़कर भी बेचीं और मिलिकेन डिपार्टमेंटल स्टोर्स के सामने ट्रांसवर्स सिटी रिकॉर्ड ईगल की book भी बेचने तक का कार्य किया लेकिन अंत में उनकी माँ ने उन्हें अनाथालय भेज दिया। अनाथालय जाने के बाद उन्होंने वहां से ट्रांसवर्स सिटी के ‘सेंट फ्रांसिस स्कूल’ से अपनी पढ़ाई जारी रखी पर धर्म और चर्च के प्रति अपने लगाव के कारण वो प्रीस्ट बनने की सोचने लगे और अनाथालय के प्रीस्ट के द्वारा उन्हें मिशिगन के ग्रांड रैपिड्स में स्थित ‘सेंट जोसफ सेमिनरी’ में भेज दिया गया लेकिन जल्दी ही वहाँ उन्हें अनुशासनहीनता का दोषी मानकर निकाल दिया गया और उनका प्रीस्ट बनने का सपना भी अधूरा रहे गया।
उसके बाद वो फिर माँ के साथ रहने लगे लेकिन जल्दी ही आपसी तनाव की वजह से माँ ने उन्हें juvenile detention house में डाल दिया। वहाँ से एक पति-पत्नी ने उन्हें बाहर निकाला और एन आर्बर के सेंट थॉमस स्कूल में admission करवा दिया। यहाँ से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करके मिशगन के बिग रैपिड्स के ‘फेरिस स्टेट कॉलेज’ के आर्किटेक्चर ट्रेड स्कूल में दाखिला ले लिया।
इसके बाद उन्होंने 3 वर्ष तक navy में नौकरी की और अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए पूरे 2000 डॉलर बचाये लेकिन एक ऑइल कंपनी के ‘जल्दी अमीर बनिए’ स्कीम के झांसे में आकर अपनी पूरी जमा पूँजी गंवा दी। फिर जैसे तैसे अपनी पढाई पूरी करने के लिए यूनिवर्सिटी में admission ले लिया।
Thomas Stephen Monaghan ने वर्ष 1960 में अपने छोटे भाई के साथ मिलकर मिशिगन के यपसिलान्ती शहर के डोमोनिक डीवात्री नामक व्यक्ति से pizza store खरीदकर pizza business शुरू किया। शुरू में पिज़्ज़ा डिलीवरी के लिए फैक्ट्री के ही 2 बेरोजगार कर्मचारियों को रख लिया। सबकुछ शरू किया ही था कि 8 महीने बाद ही छोटा भाई उनका साथ छोड़ कर चला गया।
उसके बाद Thomas Stephen Monaghan अकेले ही कुछ समय तक business चलाते रहे। फिर जल्द ही उन्हें नये पार्टनर जिम गिल्मौर मिले और जल्दी ही उनकी मेहनत रंग लाई और बस 1 साल के अंदर ही उन्होंने यपसिलान्ती में अपना दूसरा pizza स्टोर खोल लिया और फिर 2 साल के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन में तीसरा ‘Pizza King’ खोल लिया।
Thomas Stephen Monaghan ने अपने नये पार्टनर को pizza store दे दिया और खुद से नए business Dominos के नाम से कंपनी शुरू की। उनका लक्ष्य शुरू से ही लोगो को सबसे स्वादिष्ट और अच्छी क्वालिटी का pizza देना था। उन्होंने उसी तरफ अपना सारा ध्यान लगा रखा था।
फिर उन्होंने america के लोगो के बदलते कल्चर और ट्रेंड को देखते हुए Pizza Home Delievery Service शुरू की जिसके लिए उन्होंने एक ऐसे इंसुलेटेड pizza box का निर्माण करवाया जिसमें pizza लंबे समय तक गर्म रहता है। आख़िरकार उनका Dominos Pizza खूब चलने लगा और 1969 तक Dominos Pizza के 12 store खुल चुके थे लेकिन तभी उनके जीवन में एक भारी मुसीबत आई और उनके main pizza store में आग लग गई जिसके बाद business में उन्हें काफी नुक्सान हुआ और करोड़ो रुपये का कर्ज ना चुकाने के कारण कोर्ट ने उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया और बैंक ने Dominos Pizza को अपने आधीन ले लिया।
इधर बैंक Dominos Pizza को बेचने के चक्कर में था पर कोई उसे नही ले रहा था और ना ही बैंक उसे ढंग से चला पा रहा था | ऐसे में बैंक ने Thomas Stephen Monaghan को 200 डॉलर प्रति हफ्ता के वेतन पर नौकरी पर रख लिया | उसके बाद वो रात-दिन मेहनत कंपनी को प्राप्त करने के लिए करने लगे। आख़िरकार वर्ष 1971 में बैंक ने Dominos Pizza को डूबता मानकर Thomas Stephen Monaghan को एक स्टोर के बदले domino’s के सारे शेयर वापस कर दिए | अब भागदौड़ पूर्ण तरह अपने हाथ में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले कंपनी को अपने पैरो पर खड़ा करने के लिए Dominos Pizza के 5 स्टोर अपने प्रतिद्वंदी ड्रेटाईट के Dino’s को बेचे जिसके कारण Dino’s सबसे बड़ा पिज़्ज़ा चैन बन गया।
अब उन्होंने बाकी बचे 5 स्टोर के साथ ही काम आगे बढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे पहले बैंक का कर्ज उतारा और फिर पिछली वाली गलतियों से सबक लेकर धीरे-धीरे कई जगह कंपनी स्टोर को खोलकर Dominos Pizza का विस्तार किया।
इसके बाद उन्होंने 1973 में कंपनी को और आगे बढ़ाने के लिए 30 मिनट में गारंटीड pizza की तरकीब अपनाई जिसमे Pizza Home Delievery Service में ग्राहक को 30 मिनट में pizza delivery न हो पाने की स्थिति में एक पिज़्ज़ा फ्री में दिया जाएगा और 30 मिनट के अंदर ही pizza ग्राहक तक पहुंचाने पर डिलीवरी मैन को बोनस प्रदान कर सम्मानित किया जाता था। Thomas Stephen Monaghan ये तरकीब काम कर गई और Dominos Pizza चल निकला और आज की स्थिति में ये Pizza Hut के बाद यह world की सबसे बड़ी pizza chain कंपनी बन गई जो कई दूसरे देशो में ग्राहकों को अपनी Pizza Home Delievery Service की सेवा दे रही है।
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