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The Journey of MDH Masala

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 Founder of MDH Masala

महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 (मंगलवार) को हुआ था। उनका जन्म स्थान सियालकोट उत्तरपूर्वे- पंजाब मै है। लेकिन अब इनका स्थानाये आवास दिल्ली मै ही है। 10 वर्ष के बाद उन्होंने अपनी स्कूल शिक्षा छोड़ दी जब वे 5th class मै थे। इनकी रूचि (interest) पतंग उड़ाना, पहलवानी करना, कबूतर बाजी करना था। इनका विवाह 1941 मै हआ इनकी पत्नी का नाम लीलावन्ती था। उनके दो बेटे थे, जिनका नाम था संजीव गुलाटी, राजीव गुलाटी था। उनके पिता “महासिया दी हटती” नमक एक दूकान से मसाले बचने का काम करते थे फिर उन्होंने अपनी पिता की दूकान पर ही कार्य करना शुरू कर दिया। वह आर्य समाज के बहुत बड़े अनुयाई थे।

7 September 1947 को वह भारत पाक विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ दिल्ली लोट आये। उसके बाद वह दिल्ली के Karol Bagh मै अपनी भतीजी के घर रहने लगे, जहाँ पानी, बिजली की आपूर्ति नहीं थी।

जब वह दिल्ली आए तब उनके पिता ने उन्हें 1500 रुपए दिए थे, जिससे धर्मपाल गुलाटी ने 650 रुपए का तांगा (घोडा गाड़ी) खरीद लिया और Connaught place से Karol Bagh तक यात्रियों से 2 आने लेते थे। उन्हें अपनी आजीविका के लिए पर्यापत रूप से साबित नहीं होने के कारण अकसर अपमानित होना पड़ता था इसलिए उन्होंने अपनी तांगा (घोडा गाड़ी) को बेच दिया और अजमल खान सड़क के किनारे एक छोटी सी दुकान बनाई और अपने परिवार का पुराना कारोबार मसालों को बेचना शुरू किया। शुरुआत मे सफलता के बाद, उन्होंने year 1953 मे Chandni chowk मे एक और दुकान किराये पर ली, जिसके चलते वर्ष 1959 मे उन्होंने खुद की फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन खरीदी, जहाँ उन्होंने MDH मसालों के यानि “महासिया दी हट्टी” की स्थापना की, जिसका अर्थ है “एक महानुभाव आदमी की दुकान”।

इनके MDH मसालों का export – Switzerland, USA, Japan, Canada, देशो मे किया जाता है।

Awards and Honors

वर्ष 2016 – एबीसीआई वार्षिक पुरस्कारों में ‘इंडियन ऑफ़ द ईयर’

साल 2017- लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार
वर्ष 2017- एफएमसीजी क्षेत्र में सबसे ज्यादा भुगतान करने वाले सीईओ (21 करोड़ /वर्ष)

साल 2019 मे उनको padma bhushan award मिला।

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