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Wednesday, May 22, 2024
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Startup Story of Ritesh Agarwal (Founder of Oyo Rooms)

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कैसे 21 साल के युवा ने बनाई 360 करोड़ की oyo rooms company

रीतेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) ने 20 साल की उम्र में Oyo Rooms नाम की कंपनी की शुरूआत कर बड़े-बड़े अनुभवी Entrepreneurs and Investors को भी Surprised कर दिया। Oyo Rooms का मुख्य उद्देश्य travelers को सस्ते दामों पर अच्छी सुविधाओं के साथ देश के बड़े शहरों के होटलों में कमरा उपलब्ध कराना है।
रीतेश अग्रवाल ने business के बारे में सोचने और समझने का काम कम उम्र में ही शुरू कर दिया था। उनका जन्म 16 नवम्बर 1993 को उड़ीसा राज्य के जिले कटक बीसाम के एक commercial परिवार में हुआ है। 12th तक कि पढ़ाई उन्होंने जिले के ही – Scared Heart School में की। इसके बाद उनकी इच्छा IIT में दाखिले की हुई। जिसकी तैयारी के लिए वे राजस्थान के कोटा में चले गए। कोटा में उनके बस दो ही काम थे- एक पढ़ना और दूसरा, जब भी छुट्टी मिले खूब travel करना। यही से उनकी रूची traveling में बढ़ने लगी। कोटा में ही उन्होंने एक किताब लिखी – Indian Engineering Collages: A complete Encyclopedia of Top 100 Engineering Collages और जैसा कि बुक के नाम से ही लग रहा है, यह बुक देश के 100 सबसे प्रतिष्ठीत इंजनीयरिंग कॉलेजों के बारे में थी।
16 वर्ष की उम्र में उनका चुनाव मुंबई स्थित Tata Institute of Fundamental Research (TIRF) में आयोजित, Asian Science Camp के लिए किया गया। यह कैम्प एक Annual Dialogue मंच है जहां ऐशियाई के छात्र शामिल किसी क्षेत्र विशेष की समस्याओं पर विचार-विमर्श कर विज्ञान और तकनीक की मदद से उसका हल ढूढ़ा करते हैं। यहां भी वे छुट्टी के दिनों में खूब travel किया करते और ठहरने के लिए सस्तें दामों पर उपलब्ध होटल्स (Budget Hotels) का प्रयोग करते। पहले से ही रीतेश की रूची business में बहुत थी और इस क्षेत्र में वे कुछ करना चाहते थे। लेकिन business किस चीज का किया जाए, इस बात को लेकर वे स्पष्ट नहीं थे।
कई बार वे कोटा से ट्रेन पकड़ दिल्ली आ जाया करते और मुंबई की ही तरह सस्तें होटल्स में रूकते ताकि दिल्ली में होने वाले young entrepreneurs के Events and conferences में शामिल होकर नए young entrepreneurs और start-up founders से मिल सके। कई बार इन इवेन्टस में शामिल होने का रजिस्ट्रेशन शुल्क इतना ज्यादा होता कि उनके लिए उसे दे पाना मुश्किल हो जाता। इसलिए कभी-कभी वो इन आयोजनों में चोरी-चुपके जा बैठते! यही वो वक्त था, जब उन्होंने traveling के दौरान ठहरने के लिए प्रयोग किए गए सस्तें होटल्स के बुरे अनुभवों को अपने business का रूप देने की सोची।
Ritesh Agarwal के 1st startup (Oravel Stays) की शुरुवात कब और कैसे हुई और उन्हें वो बाद में क्यों करना पड़ा
2012 में उन्होंने अपने पहले startup -Oravel Stays की शुरूआत की। इस कंपनी का उद्देश्य travels को कम दामों पर कमरों को उपलब्ध करवाना था। जिसे कोई भी आसानी से reserve online कर सकता था। कंपनी के शुरू होने के कुछ ही महीनों के अंदर उन्हें नए startup में निवेश करने वाली कंपनी VentureNursery से 30 लाख का फंड भी प्राप्त हो गया। अब रितेश के पास अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पैसे थे। उसी समय-अंतराल में उन्होंने अपने इस business idea को Theil Fellowship, जो कि पेपल कंपनी के co-founder – पीटर थेल के “थेल फाउनडेशन” द्वारा आयोजित एक global competition के सामने रखा। सौभाग्यवश वे इस प्रतियोगिता में दसवां स्थान प्राप्त करने में सफल रहे और उन्हें fellowship के रूप में लगभग 66 लाख प्राप्त हुए।
बहुत ही कम समय में उनके नये startup को मिली इन सफलताओं से वे काफी उत्साहित हुए और वे अपने startup पर और बारीकी व सावधानी से काम करने लगे। लेकिन पता नहीं क्यों उनका ये business model expected लाभ देने में असफल रहा और “ओरावेल स्टे” धीरे-धीरे घाटे में चला गया। वे परिस्थिति को जितना सुधारने का प्रयास करते, स्थिती और खराब होती जाती और अंत में उन्हें इस कंपनी को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
कैसे और क्यों Oravel Stays बन गया Oyo Rooms
रीतेश अपने startup के असफल होने से निराश नहीं हुए और उन्होंने दुबारा नई योजना पर विचार करने कि सोची ताकि इसकी कमियों को दूर किया जा सके। इससे उन्हें यह अनुभव हुआ कि भारत में सस्ते होटल्स में कमरे मिलना या न मिलना कोई समस्या नहीं हैं, दरअसल कमी है होटल्स का कम पैसे में बेहतरीन सुविधाओं को प्रदान न कर पाना। उन्हें अपनी यात्राओं के दौरान बज़ट होटल्स में ठहरने के उन अनुभवों को भी याद किया जब उन्हें कभी-कभी बहुत ज्यादा पैसे देने के बाद भी गंदे और बदबूदार कमरें मिलते और कभी-कभी कम पैसों में ही आरामदायक और सुविधापूर्ण कमरे मिल जाते।
इन्हीं बातों ने उन्हें फिर प्रेरित किया कि वे दुबारा Oravel Stays में नये बदलाव करे एवं travels की सुविधाओं को ध्यान में रख उसे नये रूप में present करें और फिर क्या था 2013 में फिर oravel stays लॉन्च हुआ लेकिन इस बार बिल्कुल नये नाम और मकसद के साथ। अब oravel stays का नया नाम Oyo Rooms (ओयो रूम्स) था। जिसका मतलब होता है “आपके अपने कमरे”। oyo rooms का उद्देश्य अब सिर्फ travels को किसी होटल में कमरा दिलवाना नहीं रह गया। अब वह होटल के कमरों की और वहां मिलने वाली सुविधाओं की गुणवता का भी ख्याल रखने लगे और इसके लिए कंपनी ने कुछ standards को भी laid down किया। अब जो भी होटल oyo rooms के साथ जुड़ अपनी सेवाएं देना चाहता है, उसे सबसे पहले कंपनी से संपर्क करना होता है। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी उस होटल में जा वहां के कमरों और अन्य सुविधाओं का निरीक्षण करते है। अगर वह होटल oyo के सभी standards पर खरा उतरता है तभी वह oyo के साथ जुड़ सकता है, अन्यथा नहीं।
Success of Ritesh Agarwal
इस बार रीतेश पहले की गलतियों को दुहराना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक business firms – SeventyMM के सीईओ भावना अग्रवाल से मिल business की बारिकियों को बेहतरीन ढ़ंग से जानने का प्रयास किया। इन सलाहों ने आगे चलकर उन्हें कंपनी के लिए अच्छे निर्णय लेने में काफी मदद की। शुरू में oyo rooms को लगातार ग्राहक मिलते रहे इसलिए उन्होंने लगभग दर्जन भर होटलों के साथ समझौता कर लिया।
इस बार रीतेश की मेहनत रंग लाई और सबकुछ वैसा ही हुआ जैसा वे चाहते थे। अच्छे दामों पर बेहतरीन सुविधाओं के साथ travels को यह सेवा बहुत पसंद आने लगी। धीरे-धीरे ग्राहकों कि मांगो को पूरा करने के लिए कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 2 से 15, 15 से 25 कर दी गई। currently में oyo के कर्मचारियों की संख्या 3000 से भी ज्यादा हैं। कंपनी के स्थापित होने के एक साल बाद, 2014 में ही दो बड़ी कंपनियों Lightspeed Venture Partners (LSVP) और DSG Consumer Partners ने Oyo Rooms में 4 करोड़ रूपये का निवेश किया। 2016 में, जापान की multinational कंपनी Softbank ने भी 7 अरब रूपयें का निवेश किया है। जो कि एक नई कंपनी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धी है।
वह बात जिसने रीतेश अग्रवाल को कंपनी को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, वह है- हर महीने ग्राहकों द्वारा 1 करोड़ रूपये से भी ज्यादा की जाने वाली बुकिंग। केवल 2 सालो में Oyo Rooms 15000 से भी ज्यादा होटलो की Chain (1000000 कमरों) के साथ देश की सबसे बड़ी आरामदेह एवं सस्ते दामों पर लागों को कमरा provide कराने वाली कंपनी बन चुकी है। रीतेश अग्रवाल की यह कंपनी भारत के top startup कंपनियों में से एक हैं।
July, 2016, प्रतिष्ठीत अंतराष्ट्रीय मैगज़ीन GQ  (Gentlemen’s Quarterly) ने रितेश अग्रवाल को 50 Most Influential Young Indians: Innovators की सूची में शामिल किया है। इस सूची में उन युवा इनोवेटर्स को शामिल किया जाता है जो अपनी नई सोच व विचारों से लोगों की जिंदगी को आसान बनाते है। ऐसी ही Informative information के लिए vyapar ki baat को सभी social media पर follow करे।

 

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